सोमवार, ८ ऑक्टोबर, २०१८

गजब दुनिया

सोच मै डुबा हूं !

गजब ये दुनिया की

रफ्तार देखकर !

दौलत धुंड रहे है !

इंसानियात छोडकर !
        और
भगवान धुंड रहे है
माँ बाप छोडकर !

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